राम की चिट्ठी सीता जी के नाम पंजाबी में और कलयुग में:
प्यारी सित्ता,
मैं इत्थे राजी खुशी से हां एंड होप के तु वी ठिक ठाक होवेंगी.
लक्ष्मण तेन्नु भोत याद करदा सी.
मैं इस बंदर दे हात्थ तन्नु चिट्ठी भेज रेहा हां.
तु बिल्कुल टेन्शन न लेई मैं भोत जल्दी तेनु रावण कोलो छुड़ा लावांगा.
मैं एअरटेल दा पोस्टपेड ले लिया सी, रावण नु मैं मोबाईल ते भोत गालियाँ काड़िया ते साले ने कट दित्ता.
चल कोई नी मैने आना ता है ही. तान कुटुँगा साले कंजर नु.
मैं तेरे नाल भी एक एअरटेल का प्रीपेड भेज रिया व उस विच १५०० एस एम एस फ्री वाली स्किम हा, तु रोज मेनु एस एम एस करी.
चिन्ता न करी, जद वी गल करने नु जी करे, एक मिस काल मार दियो, मैं वापस फोन्न कर लेवागा.
तु मेरे बिल दी चिन्ता न करी, सुग्रिवा नु पेमेन्ट दा जिम्मा दे दित्ता वै.
अच्छा ओके
सी य्य्यू
विथ लव
दशरथ दा वड्डा पुत्तर ’राम
Source: http://udantashtari.blogspot.com/
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