एक स्त्री सड़क पर चलती हुई अपने काम पर जा रही थी, तभी उसने पालतू जीवों की दुकान के सामने एक डंडे पर बैठे हुए तोते को देखा।
तोते ने उससे कहा, “हे, लेडी! तुम बहुत वाहियात हो !”
स्त्री गुस्से में, तेज़ी से उस दुकान से गुज़र गई।
शाम में वापस घर आते समय भी उसे वही तोता दिखा और उसने फिर कहा, “हे, लेडी! तुम बहुत वाहियात हो !”
उसका गुस्सा इस बार सातवें आसमान पर जा पहुँचा।
अगले दिन उसी तोते ने उससे फिर कहा, “हे, लेडी! तुम बहुत वाहियात हो।”
वह इतनी पागल हो उठी कि वह दुकान में जाकर दुकानदार से कहा कि या तो यह तोता हटाओ नहीं तो मैं मुकदमा कर दूँगी। दुकानदार ने विनम्रता से माफी माँगी और वादा किया कि वह ख्याल रखेगा कि तोता, आगे से ऐसा न कहे।
जब स्त्री फिर से उधर से जा रही थी तो तोते ने उसे बुलाया, “हे, लेडी !”
वह रूकी और कहा, “हाँ?”
तोते ने कहा, “तुम्हें पता ही है।”
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